लड़की के अनुरोध पर उसके पिता ने शहर बदल दिया और पूरा परिवार दूसरे शहर में रहने चला गया। लड़की ने अपनी बहन के माध्यम से लड़के को फोन करवाया और कहा कि वह उससे शादी नहीं कर सकती। उसे दूसरी लड़की ढूंढ लेनी चाहिए।
कुछ दिनों तक लड़के के फोन आते रहे, लेकिन धीरे-धीरे फोन आने बंद हो गए। लड़की को लगा कि अब लड़का उसे भूल ही गया है।
लड़की उस लड़के को याद करके रोज रोती थी। एक साल से ज्यादा समय बीत गया। एक दिन अचानक दोपहर के समय लड़की के घर उसकी बहनें आईं और बताया कि लड़के की शादी हो रही है। लड़के ने लड़की के लिए एक कंगन भी भेजा था।
यह सुनकर लड़की की आंखों से आंसू आ गए। वह सोचने लगी कि लड़का तो अब उसे भूल ही गया है। क्या सच्चा प्यार ऐसा ही होता है? हम बचपन से साथ थे, लेकिन उसने एक बार भी मुझसे मिलने के बारे में नहीं सोचा।
लड़की कंगन खोलकर देखने लगी। उसने कंगन में लड़के के साथ अपना नाम पढ़ा। वह आश्चर्यचकित हो गई। इससे पहले कि वह कुछ प्रतिक्रिया दे पाती, लड़का अचानक उसकी आंखों के सामने आ गया।
लड़के ने सांकेतिक भाषा में कहा, “मुझे तुम्हारा शादी का वादा याद है। मुझे माफ करना, लेकिन सांकेतिक भाषा सीखने में मुझे लगभग एक साल लग गया। अब मैं न केवल तुम्हारा पति बनूंगा, बल्कि तुम्हारी आवाज भी बनूंगा।”
लड़की के हाव-भाव तुरंत बदल गए और उसने लड़के को गले लगा लिया।
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